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पूर्व सैनिक वीरेंद्र सिंह बने युवाओं की प्रेरणा, प्राकृतिक खेती कर लिखी सफलता की कहानी

 पूर्व सैनिक वीरेंद्र सिंह बने युवाओं की प्रेरणा, प्राकृतिक खेती कर लिखी सफलता की कहानी

Ex-serviceman Virendra Singh wrote success story from farming: उत्तराखंड के अनोल गांव चिन्यालीसौड़ के रहने वाले पूर्व सैनिक वीरेंद्र सिंह ने प्राकृतिक खेती कर सफलता की कहानी लिख डाली है.

 

साल 2020 में गढ़वाल राइफल से रिटायर हुए वीरेंद्र सिंह फौज ने बाइस वर्ष की नोकरी के बाद रिटायरमेंट लेने का निर्णय केवल अपने खेतों को आबाद करने के लिए लिया. एग्रीकल्चर इंटर की पढ़ाई कर चुके पूर्व सैनिक वीरेंद्र सिंह प्राकृतिक खेती से किसानी कर आम, पपिता, मटर, पालक, स्ट्रोबेरी और अन्य सांग सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि वह खेती के लिए जीवामृत और गाय का गोबर, गौमूत्र का प्रयोग कर रहे हैं.

वे समेचित खेती और पोइट्री फार्म के जरिए किसानी करते हैं. साथ ही जीवामृत और गाय के गोबर का उपयोग प्राकृतिक खेती करने में करते हैं.

रोजगार की तलाश में महानगरों में पलायन करने वाले लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके वीरेंद्र सिंह ने तीन सौ सेब के पेड़ लगाए हुए हैं. उनका कहना है कि यदि उनके ये पेड़ फलदार होते हैं तो इसके जरिए वे कई बेरोजगारों को रोजगार देने की उम्मीद करते हैं.

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